भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा कई भारतीय स्थलों को विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई है। ये धरोहर स्थल भारत की प्राचीन सभ्यता, स्थापत्य कला, संस्कृति और प्रकृति के अनमोल खजाने हैं। इस लेख में हम भारत की उन विश्व धरोहर स्थलों के बारे में विस्तार से जानेंगे जो अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध हैं।
भारतीय धरोहर का महत्व
भारत की धरोहर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक पहचान को भी परिभाषित करती है। ये धरोहर स्थल पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ भारतीय इतिहास, कला और परंपराओं को सहेजने का कार्य भी करते हैं। विश्व धरोहर स्थलों को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:-
भारत में इन तीनों प्रकार की धरोहरें मौजूद हैं, जो इसकी विविधता को दर्शाती हैं।
- सांस्कृतिक धरोहर स्थल (Cultural Heritage Sites)
- प्राकृतिक धरोहर स्थल (Natural Heritage Sites)
- मिश्रित धरोहर स्थल (Mixed Heritage Sites)
1 भारत के प्रमुख सांस्कृतिक विश्व धरोहर स्थल
भारत में यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध कई सांस्कृतिक धरोहर स्थल हैं, जो अपनी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक घटनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
(i) ताजमहल (उत्तर प्रदेश) ( 1983 )
ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और भारत की सबसे प्रसिद्ध धरोहर स्थलों में गिना जाता है। इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। सफेद संगमरमर से निर्मित यह भव्य स्मारक प्रेम का प्रतीक है।
(ii) खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश)( 1986 )
खजुराहो के मंदिर अपनी अद्भुत नक्काशी और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए थे और हिन्दू एवं जैन धर्म से जुड़े हुए हैं।
(iii) कुतुब मीनार (दिल्ली)
भारत की सबसे ऊँची ईंटों से बनी मीनार कुतुब मीनार, मुगल स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने 12वीं सदी में बनवाया था।
(iv) अजंता और एलोरा की गुफाएँ (महाराष्ट्र)
अजंता की गुफाएँ अपनी बौद्ध चित्रकारी और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि एलोरा की गुफाओं में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित भव्य मूर्तियाँ हैं।
(v) महाबलीपुरम स्मारक समूह (तमिलनाडु)
महाबलीपुरम के मंदिर और शिल्पकला पल्लव राजाओं के शासनकाल के दौरान विकसित हुई थी। यह स्थल अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
(vi) सूर्य मंदिर, कोणार्क (ओडिशा)
कोणार्क का सूर्य मंदिर 13वीं शताब्दी में निर्मित एक विशाल मंदिर है, जो सूर्य देवता को समर्पित है। यह मंदिर अपनी रथ जैसी संरचना और पत्थरों पर की गई अद्भुत नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
2 . भारत के प्रमुख प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल
भारत की प्राकृतिक धरोहर भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी इसकी सांस्कृतिक धरोहर। ये स्थल अपनी जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र के कारण संरक्षित किए गए हैं।
(i) काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम)
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को एक सींग वाले गैंडे (Indian Rhinoceros) के लिए जाना जाता है। यह यूनेस्को द्वारा संरक्षित एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर स्थल है।
(ii) सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल)
सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव जंगल है और यह प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर का निवास स्थान है।
(iii) पश्चिमी घाट (सह्याद्री पर्वत श्रृंखला)
पश्चिमी घाट क्षेत्र में अद्वितीय जैव विविधता पाई जाती है। यह क्षेत्र कई दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों का घर है।
(iv) केरल के पत्तनमथिट्टा जिले में पेरियार वन्यजीव अभयारण्य
यह क्षेत्र एशियाई हाथियों और अन्य दुर्लभ वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है।
3 . भारत के मिश्रित (संयुक्त) विश्व धरोहर स्थल
कुछ स्थल ऐसे होते हैं जो न केवल सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि उनकी प्राकृतिक सुंदरता भी अद्वितीय होती है। भारत में कुछ मिश्रित धरोहर स्थलों को यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है।
(i) नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व
यह स्थल जैव विविधता से भरपूर है और यहाँ कई प्राचीन जनजातियाँ भी निवास करती हैं।
(ii) कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (सिक्किम)
कंचनजंगा भारत का पहला मिश्रित धरोहर स्थल है। यह क्षेत्र अपनी सुंदर पहाड़ियों और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।