तिरंगे का डिज़ाइन किसने बनाया हैं ?
इस वर्ष भारत अपना 78वाॅ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा 26 जनवरी हो या 15 अगस्त देश के समस्त देशवासियों झंडा फहराते हैं बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी लोग झंडा फहराते हैं किसी ने कभी सोचा है कि झंडा का डिज़ाइन किसने बनाया यह सिर्फ हमारे देश का झंडा ही नहीं बल्कि हमारे देश की आन – बान -शान है चलिए आज जानते हैं तिरंगे का डिज़ाइन किसने बनाया हैं वो डिज़ाइन बनाने वाले महान व्यक्ति कौन हैं
पिंगली वेंकैया वो व्यक्ति है जिसने तिरंगे का डिज़ाइन बनाया |
इनका जन्म
2 अगस्त 1876 भाटलापेंमारू में मछलीपट्टतम (आंध्र प्रदेश ) में हुआ था
निधन
4 जुलाई 1968 ई हो गया |
पिंगली वेंकैया को प्रसिद्ध कैसे मिली :-
भारतीय राष्ट्रीय तिरंगे का डिजाइन बनाया था जिस वजह से इनको भारत में आज पूरे भारतवासी जानते हैं |
तिरंगे की लंबाई चौड़ाई का अनुपात कितना होता है ?
3:2 होता हैं | जिसमें तीन रंग होते हैं केसरिया,सफेद और हरा रंग होता है एक चक्र होता है जिसमें 24 तिलिया होती है |
15 अगस्त :-
15 अगस्त को हर साल भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन को देशभर में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, और विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर होते हैं, जहां प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। इस समारोह में भारत की सशस्त्र सेनाओं की परेड, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और देश की विविधता को दर्शाने वाले विभिन्न कार्यक्रम होते हैं।
इस दिन का महत्व न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए है, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीयता का प्रतीक भी है। लोग इस दिन देशभक्ति के गीत गाते हैं, तिरंगे झंडे फहराते हैं, और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देते हैं।
15 अगस्त का दिन हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पूर्वजों ने कितने संघर्ष और बलिदान दिए थे, और यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस स्वतंत्रता को सहेज कर रखें और अपने देश की प्रगति और विकास में योगदान दें।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है। 15 अगस्त 1947 का दिन वह महत्वपूर्ण क्षण था जब देश ने ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी पाई और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपना नया सफर शुरू किया।
स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएँ:
1857 का विद्रोह: इसे भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है, जब भारतीय सैनिकों और नागरिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बगावत की थी। हालांकि यह विद्रोह सफल नहीं हो पाया, लेकिन इसने स्वतंत्रता की आग को और भड़काया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन (1885): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम को संगठित और व्यापक रूप दिया। इसके माध्यम से भारतीय नेता अपनी आवाज़ को एकजुट कर सके और स्वतंत्रता की माँग को मजबूती से उठा सके।
असहयोग आंदोलन (1920): महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक जनांदोलन को जन्म दिया। गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को एकजुट किया।
नमक सत्याग्रह (1930): गांधीजी द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ एक सशक्त विरोध था, जिसमें हजारों भारतीयों ने हिस्सा लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
भारत छोड़ो आंदोलन (1942): ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ का नारा देते हुए, इस आंदोलन ने देशभर में एक क्रांतिकारी जोश भर दिया और स्वतंत्रता की माँग को और भी सशक्त किया।
स्वतंत्रता की घोषणा:
15 अगस्त 1947 को, भारत को अंततः स्वतंत्रता मिली। उस दिन, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने प्रसिद्ध भाषण “नियति से मिलन” (Tryst with Destiny) के माध्यम से देश को संबोधित किया। इस भाषण में उन्होंने स्वतंत्रता की प्राप्ति को एक ऐतिहासिक अवसर बताया और देश को एक नई दिशा में आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
स्वतंत्रता दिवस पर कुछ शायरी :
- “आज़ादी की अमृत महोत्सव पर,
हमें स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए।
उनके त्याग और बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।” - “स्वतंत्रता की इस मिट्टी को,
अपने रक्त से सींचा है हमने।
इस आज़ादी को हमें,
हर कीमत पर बचाना होगा।” - “आज़ादी का जोश है,
हमारे दिलों में एक आग है।
इस आज़ादी को हमें,
हर हाल में बनाए रखना होगा।” - “स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को,
हमें पूरा करना होगा।
इस आज़ादी को हमें,
हर कीमत पर बचाना होगा।” - “आज़ादी हमारी जान है,
हमारी शान है, हमारी पहचान है।
इस आज़ादी को हमें,
हर हाल में बनाए रखना होगा।”