द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक – दूसरे से संबंधित होते हैं तथा प्रत्येक वास्तु में में उसके द्रव्यमान के कारण भी ऊर्जा होती है|
द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा में गतिज ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है इस प्रकार द्रव्यमान के बीच संबंध को द्रव्यमान ऊर्जा संबंध समतुल्यता संबंध कहलाता है| इसे ही आइस्टाइन का द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्यतासंबंध कहलाता है|
