
World’s first Al Baby
यह घटना है जो मैक्सिको के ग्वाडलाजारा (Guadalajara) शहर में घटी, जहां 40 वर्षीय एक महिला ने एआई-सहायता प्राप्त आईवीएफ (AI-Assisted IVF) प्रक्रिया के माध्यम से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
इस घटना की खास बात यह है कि इस आईवीएफ प्रक्रिया में ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) जैसे संवेदनशील चरण को इंसानों की जगह पूरी तरह मशीनों ने अंजाम दिया।
ICSI एक अत्यंत सूक्ष्म प्रक्रिया होती है, जिसमें एक अकेले शुक्राणु को सीधे अंडाणु के अंदर इंजेक्ट किया जाता है। आमतौर पर इसे कुशल भ्रूण विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है, लेकिन इस केस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की मदद से यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी मानव हस्तक्षेप के पूरी की गई।
यह उपलब्धि न केवल प्रजनन तकनीक में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में एआई किस तरह से क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
कैसे हुआ यह घटना ?
आईसीएसआई प्रक्रिया में एआई की क्रांति: अब इंसान नहीं, मशीनें करेंगी निषेचन
आईसीएसआई (Intracytoplasmic Sperm Injection) तकनीक आमतौर पर एक बेहद सूक्ष्म और संवेदनशील प्रक्रिया होती है, जिसमें भ्रूणविज्ञानी एक-एक करके शुक्राणुओं को अंडाणु में इंजेक्ट करते हैं। यह काम काफी अनुभव और एकाग्रता की मांग करता है, लेकिन इसमें थकान, इंसानी गलती और असंगत परिणामों की संभावना बनी रहती है।
अब इस प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव आया है। न्यूयॉर्क और मैक्सिको के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर एक पूर्णतः ऑटोमेटेड सिस्टम तैयार किया है, जो आईसीएसआई की पूरी प्रक्रिया के 23 चरणों को एआई और डिजिटल कंट्रोल के जरिए संचालित करता है।
सिस्टम क्या करता है?
- सबसे पहले यह मशीन खुद उचित शुक्राणु का चयन करती है।
- फिर लेजर तकनीक का उपयोग कर शुक्राणु को इनएक्टिव (निष्क्रिय) किया जाता है, जिससे निषेचन नियंत्रित तरीके से हो सके।
- इसके बाद उस स्पर्म को अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है।
प्रत्येक अंडाणु को निषेचित करने में मशीन को औसतन 9 मिनट 56 सेकंड का समय लगा।
इसके क्या फायदे हैं?
इस क्रांतिकारी तकनीक के पीछे काम करने वाले जाने-माने भ्रूणविज्ञानी डॉ. जैक्स कोहेन का कहना है कि यह सिस्टम आईवीएफ के क्षेत्र में बड़ी क्रांति साबित हो सकता है। इसके कुछ प्रमुख फायदे हैं:
- कंसिस्टेंसी (सुसंगतता) बढ़ेगी, यानी हर बार एक जैसे परिणाम मिलेंगे।
- इंसानी गलतियों की संभावना नगण्य हो जाएगी।
- अंडाणु की गुणवत्ता बेहतर बनी रहेगी, क्योंकि प्रक्रिया अधिक नियंत्रित और सटीक है।
प्रक्रिया के दौरान 5 में से 4 अंडाणु सफलतापूर्वक फर्टिलाइज्ड हुए। एक हेल्दी भ्रूण विकसित होने के बाद उसे फ्रीज कर ट्रांसफर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ।
यह तकनीक भविष्य में न सिर्फ आईवीएफ को अधिक सफल बना सकती है, बल्कि यह उन दंपतियों के लिए भी आशा की किरण है जो लंबे समय से संतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
MCQ
ICSI प्रक्रिया में सामान्यतः किसके द्वारा स्पर्म को अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है?
A. रोबोटिक मशीन
B. भ्रूणविज्ञानी विशेषज्ञ
C. नर्सिंग स्टाफ
D. पैथोलॉजिस्ट
उत्तर: B. भ्रूणविज्ञानी विशेषज्ञ
नई ऑटोमेटेड ICSI प्रणाली को किसकी मदद से विकसित किया गया है?
A. भारत और जापान
B. फ्रांस और रूस
C. न्यूयॉर्क और मैक्सिको
D. जर्मनी और चीन
उत्तर: C. न्यूयॉर्क और मैक्सिको
नई तकनीक में कुल कितने चरण (Steps) को एआई और डिजिटल सिस्टम द्वारा संचालित किया गया?
A. 10
B. 15
C. 20
D. 23
उत्तर: D. 23
इस तकनीक में स्पर्म को अंडाणु में इंजेक्ट करने से पहले क्या किया जाता है?
A. उसे उबालते हैं
B. उसे फ्रिज में रखते हैं
C. उसे लेजर से इनएक्टिव किया जाता है
D. उसे धोया जाता है
उत्तर: C. उसे लेजर से इनएक्टिव किया जाता है
प्रत्येक अंडाणु में निषेचन प्रक्रिया को पूर्ण करने में मशीन को कितना समय लगता है?
A. लगभग 2 मिनट
B. लगभग 5 मिनट
C. लगभग 9 मिनट 56 सेकंड
D. लगभग 15 मिनट
उत्तर: C. लगभग 9 मिनट 56 सेकंड
इस तकनीक के मुख्य लाभों में से कौन-सा शामिल नहीं है?
A. इंसानी गलतियों में कमी
B. प्रक्रिया की सटीकता
C. स्पर्म की संख्या में वृद्धि
D. अंडाणु की गुणवत्ता का संरक्षण
उत्तर: C. स्पर्म की संख्या में वृद्धि