महात्मा गाँधी सेतु

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महात्मा गाँधी सेतु का इतिहास

महात्मा गांधी सेतु की आधारशिला 1972 में रखी गई थी, जबकि इसकी परिकल्पना केंद्र सरकार ने वर्ष 1969 में की थी। लगभग दस वर्षों की कठिन निर्माण प्रक्रिया के बाद 1982 में यह सेतु तैयार होकर लोगों के सपनों को साकार करता हुआ सामने आया। इसकी कुल लंबाई 5.75 किलोमीटर और चौड़ाई 25 मीटर है। लगभग 87 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का मुख्य उद्देश्य गंगा के दोनों तटों को जोड़ना और उत्तर बिहार को राजधानी पटना तथा राज्य के अन्य हिस्सों से मजबूत तरीके से जोड़ना था। इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण “गैमन इंडिया लिमिटेड कंपनी” ने किया था।

इस पुल के बन जाने से न सिर्फ उत्तर बिहार के लोग राजधानी पटना से आसानी से जुड़ पाए, बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच भी सरल हो गई। 1980 के दशक में जब यह पुल तैयार हुआ, तो यह एशिया के सबसे लंबे पुलों में गिना जाता था। इसकी लंबाई और तकनीकी मजबूती उस समय एक इंजीनियरिंग चमत्कार मानी जाती थी।

 इसे बिहार की “लाइफलाइन” भी कहा जाता है.

MCQ

प्रश्न 1. महात्मा गांधी सेतु की नींव किस वर्ष रखी गई थी?

a) 1969

b) 1972

c) 1980

d) 1982

उत्तर: b) 1972

प्रश्न 2. महात्मा गांधी सेतु की परिकल्पना केंद्र सरकार ने किस वर्ष की थी?

a) 1965

b) 1968

c) 1969

d) 1971

उत्तर: c) 1969

प्रश्न 3. महात्मा गांधी सेतु की कुल लंबाई कितनी है?

a) 4.75 किलोमीटर

b) 5.75 किलोमीटर

c) 6.25 किलोमीटर

d) 7.10 किलोमीटर

उत्तर: b) 5.75 किलोमीटर

प्रश्न 4. महात्मा गांधी सेतु का निर्माण किस कंपनी ने किया था?

a) लार्सन एंड टुब्रो

b) टाटा प्रोजेक्ट्स

c) गैमन इंडिया लिमिटेड

d) भेल (BHEL)

उत्तर: c) गैमन इंडिया लिमिटेड

प्रश्न 5. महात्मा गांधी सेतु का निर्माण कार्य कितने वर्षों में पूरा हुआ?

a) 5 वर्ष

b) 8 वर्ष

c) 10 वर्ष

d) 12 वर्ष

उत्तर: c) 10 वर्ष

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