भारत में प्रमुख लोकनृत्य

लोकनृत्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें किसी विशेष मंच या औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती। यह लोगों की भावनाओं से उपजे नृत्य होते हैं और समाज की सामूहिकता का प्रतीक माने जाते हैं। जब लोग त्यौहार, शादी या फसल कटाई जैसे अवसरों पर एकत्रित होकर नृत्य करते हैं, तो यह केवल कला नहीं बल्कि उत्सव और एकता का प्रतीक बन जाता है।

भारतीय समाज में लोकनृत्य की भूमिका केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है। यह धार्मिक आस्था, सामाजिक संदेश और इतिहास की झलक को भी संजोए हुए है। कई बार ये नृत्य देवी-देवताओं की स्तुति में किए जाते हैं, तो कई बार यह किसानों की मेहनत और खुशी का प्रदर्शन करते हैं। इस प्रकार लोकनृत्य हमारी संस्कृति की आत्मा माने जा सकते हैं।

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भारत में प्रमुख लोकनृत्य निम्नलिखित हैं |

उत्तराखंड प्रमुख लोकनृत्य हैं |

चैपली, गढ़वाली, कुमायूनी, कजरी, झोरा, रासलीला

कर्नाटक प्रमुख लोकनृत्य हैं |

यक्षगान, कुनीता, वीरगास्से, भूतकोला, कर्गा, सुग्गी, कुनिथा, लंबी

गुजरात प्रमुख लोकनृत्य हैं |

गणपतिभजन, डांडिया रास, गरबा, पणिहारी नृत्य, लास्य, टिप्पानी, अकोलिया, भवई

पंजाब  प्रमुख लोकनृत्य हैं |

भंगड़ा, गिद्ध, डफ्फ, धमन, भांड, नकल

पश्चिम बंगाल प्रमुख लोकनृत्य हैं |

राम भेसे, गम्भीरा, बाउल, जात्रा, कीर्तन, काठी, महाल, गम्भीरा, रायवेश, मरसिया

बिहार प्रमुख लोकनृत्य हैं |

वैगा, जदूर, जाया, जट-जाटिन, माधी, मूका, लुझरी, विदायत, कीर्तनिया, पंवरिया, जातरा, सोहराई

मणिपुर प्रमुख लोकनृत्य हैं |

चोंग, महारास, नटराज, लाई हरोबा, संखाल, वसंत रास, थाग्टा, पुगवालोग, कीतत्वम्

मध्य प्रदेश प्रमुख लोकनृत्य हैं |

रीना, चौत, दिवारी, नवरानी, गोन्यो, सुआ, भगोरिया, करमों, पाली, डागला छेरिया, हूल्को मंदिरी, सैला, बिल्धा, टपाडी, गोडा

महाराष्ट्र प्रमुख लोकनृत्य हैं |

मोनी, बोहदा, लेजम, लावनी, दहिकला, तमाशा, गणेश चतुर्थी, कौली, गफा, ललिता, मौरीधा

मिजोरम प्रमुख लोकनृत्य हैं |

चेराव नृत्य, खुल्लम, चैलम, सावलकिन, चावंगलाइजॉन, जंगतलम, पार लाम, सरलामकाई/सोलाकिया, तलंगलम, खानतम, पाखुपिला, चेरोकन

मेघालयप्रमुख लोकनृत्य हैं |

लाहो, बाला, का शाद सुक माइन्सीम, नोंगक्रेम,

राजस्थान प्रमुख लोकनृत्य हैं |

कठपुतली, धापाल, जिंदाद, पूगर, सुइसिनी, बगरिया, ख्याल, शकरिया, गोयिका, लीला, झूलनलीला, कामड़, चरी, चंग, फुदी, गीदड़, गैर पणिहारी, गणगौर

हरियाणा प्रमुख लोकनृत्य हैं |

झूमर, फाग नृत्य, डैफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, गागोर

हिमाचल प्रदेश प्रमुख लोकनृत्य हैं |

सांगला, चम्बा, डांगी, डंडा, नाव, डफ, धमान, थाली, जद्धा, छरवा, महाथू, छपेली

छत्तीसगढ प्रमुख लोकनृत्य हैं |

गौर मारिया, पंथी, राउत नाचा, पंडवानी, वेदमती, कापालिक, चंदैनी, भरथरी चरित, गौड़ी, कर्मा, झूमर, दगला, पाली, तपाली, नवरानी, दिवारी, मुंडारी, झूमर।

केरल प्रमुख लोकनृत्य हैं |

ओट्टामथुलाल, कैकोट्टिकली, टप्पटिकली, काली अट्टम

सिक्किम प्रमुख लोकनृत्य हैं |

चू फाट, याक चाम सिकमारी, सिंघी चाम या स्नो लायन, याक चाम, डेन्जोंग गनेन्हा, ताशी यांगकू, खुकुरी नाच, चटनी नाच, मारुनी नृत्य।

तेलंगाना प्रमुख लोकनृत्य हैं |

पेरिनी शिवतांडवम, कीसाबादी

त्रिपुरा प्रमुख लोकनृत्य हैं |

होजागिरी, बूमनी, बिझू, चेराव, है-हक, वांगला, संगराई

भारत के केंद्रशासित प्रदेशों के लोकनृत्य

जम्मू कश्मीर प्रमुख लोकनृत्य हैं |

कुद नृत्य, राउफ नृत्य, दुमल नृत्य, हाफिजा नृत्य, भांड पाथेर, बचा नगमा, भदजास नृत्य, हिकात नृत्य

लक्षद्वीपप्रमुख लोकनृत्य हैं |

परिचाकाली

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूहप्रमुख लोकनृत्य हैं |

निकोबारी ग्रेट अंडमानी नृत्य

चंडीगढ़ प्रमुख लोकनृत्य हैं |

गिद्दा नृत्य

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव प्रमुख लोकनृत्य हैं |

तारपा नृत्य, भवाड़ा नृत्य, ढोल नृत्य और तूर और थाली नृत्य

लद्दाख प्रमुख लोकनृत्य हैं |

स्पावो नृत्य, शोन नृत्य, द्रुग्पा-रचेस, जबरो नृत्य, बैगस्टनरचेस, लामास नृत्य, कोषन नृत्य, याक नृत्य, तुखस्तानमो

दिल्ली प्रमुख लोकनृत्य हैं |

  कथक

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