Galaxy के बारे में जानकारी |पता, क्यों,तरह,केंद्र ,टाइप एवं टकराना |

ये सूर्य ,चाँद कैसे काम करते हैं जब सोते हैं जब जाते हैं और एक्जेक्टली इनका क्या इंपैक्ट होता है हम पर ऐसे बहुत सारे सवाल बचपन से हमने सुनी हैं लेकिन इस बारे में आज हम बात भी करेंगे   तो आज के इस blog में हम Galaxy के बारे में जानेंगे क्या अभी सुना है कभी Galaxy के बारे में अच्छा तो आप सोलर सिस्टम के बारे में तो जानते होंगे कि इसमें एक सन 8 प्लैनेट्स 200 से भी ज्यादा मूंस एस्टेरॉयड यानी कि शुद्र ग्रह और धूमकेतु मौजूद है और इसी सोलर सिस्टम का एक पार्ट अर्थ यानी कि हमारी पृथ्वी भी है जिस पर आप और हम रहते हैं तो यह पूरा सोलर सिस्टम मिल्की वे Galaxy का एक बहुत छोटा सा पार्ट है तो अब आप यह तो समझ गए होंगे कि अर्थ से बहुत बड़ा सोलर सिस्टम और सोलर सिस्टम से बहुत बड़ी Galaxy होती है ऐसे में आपको भी Galaxy के बारे में इंपोर्टेंट इनफार्मेशन तो मिलनी ही चाहिए और आज इस blog  में हम आपको Galaxyके बारे में बताने वाले हैं इसलिए इस blog  को पूरा पढ़ना होगा तो चलिए शुरू करते हैं और Galaxy के बारे में इंटरेस्टिंग और इंपोर्टेंट इनफार्मेशन लेते हैं Galaxy ,डस्ट, प्लैनेट्स, ब्लैक होल्स ,मूंस ,निबल्स, एस्टेरॉयड, धूमकेतु डार्क मैटर, तारा और उनके सोलर सिस्टम का बहुत बड़ा कलेक्शन होता है और गैलेक्सी में यह सभी ग्रेविटी के जरिए एक दूसरे से जुड़े रहते हैं जिस गैलेक्सी में हमारा सोलर सिस्टम है उसे Galaxy का नाम मिल्की वे है इस मिल्की वे में लगभग 100 अब से 400 अरब के बीच सितारे होते हैं तारे होते हैं और इसमें करीब 50 अब प्लैनेट्स होने की पॉसिबिलिटी भी है हमारा सोलर सिस्टम मिल्की वे के आउटर एरिया में सिचुएटेड है और उसके केंद्र की परिक्रमा कर रहा है इसे एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 22. यानी कि काफी लंबा टाइम वैसे यूनिवर्स में कितने Galaxyहै यह सवाल आपके मन  में आया ही होगा तो आपको यह जान करके हैरानी हो सकती है कि यूनिवर्स में इतनी सारी Galaxy है जिन्हें हम अकाउंट भी नहीं कर सकते बहुत पहले ऐसा माना जाता था कि यूनिवर्स में केवल मिल्की वे Galaxy ही मौजूद है|

Galaxy का पता कब चला की कितनी हैं |

 लेकिन 18th सेंचुरी में फिलॉस्फर एमिनल कैंट ने यह बताया कि यूनिवर्स में केवल मिल्की वे ही अकेली Galaxy नहीं है बल्कि ऐसी बहुत सारी Galaxy मौजूद है खबर स्पेस टेलीस्कोप एक ऐसा टेलीस्कोप है जिसकी मदद से स्पेस के एक स्मॉल पेज को 12 दिन तक देखा गया और 10000 Galaxy का पता लगाया गया यह Galaxy इस अलग-अलग कुछ साइंटिस्ट का यह भी मानना है कि स्पेस में टोटल Galaxy इतनी ज्यादा है कि इनकी संख्या 100 बिलियन भी हो सकती है यानी की बहुत ही ज्यादा |

 हमारी Galaxy को मिल्की वे क्यों कहा जाता है ?

इंटरेस्टिंग सवाल है और इसका जवाब यह है कि हमारी गैलेक्सी को “मिल्की वे “नाम ग्रीक ने  दिया  हैं| 

जिन्होंने इस गैलेक्सी आज कॉकरोच कहा जिसका मतलब मिल्की सर्कल होता है और उसके बाद रोमांस ने इस Galaxy को दियाअलग  नाम दिया जिसका अर्थ होता है “रोड ऑफ मिल्क” रोमांस ने हमारी Galaxy को रोड ऑफ मिल्क इसलिए कहा क्योंकि रात के समय अर्थ से देखने पर यह Galaxy आसमान में एक मिल्की पेच की तरह दिखाई देती है अब आप सोच रहे होंगे |

Galaxy आसमान में  मिल्की पेच की तरह क्यों  दिखाई देती है? 

 Galaxy लिक की तरह व्हाइट और ब्राइट क्यों दिखाई देती है तो इसका रीजन यह है कि हमारी Galaxy में बिलियन तारा है यानी की बहुत सारे सितारे जिनकी लाइट मिलकर के ऐसा नजारा बनती है कि अर्थ से रात के समय देखने पर वाइट और ब्राइट लाइट दिखाई देती है इसीलिए Galaxy को “मिल्की वे ”गैलेक्सी कहा जाता है |तो चलिए आगे बढ़ते हैं और अब बात करते हैं |

 Galaxy के केंद्र में क्या होता है?

 ज्यादातर Galaxy के केंद्र में एक ब्लैक होल पाया जाता है और हमारीGalaxy मिल्की वे के केंद्र में भी एक ब्लैक होल मौजूद है ब्लैक होल वह जगह होती है जहां फिजिक्स का कोई भी रूल असर नहीं करता है क्योंकि इसकी ग्रेविटी बहुत स्ट्रॉन्ग होती है अगर लाइट बेस ब्लैक होल में इंटर कर जाए तो बाहर नहीं निकल सकती क्योंकि ब्लैक होल अपने ऊपर उड़ने वाली सारी लाइट को अब्जॉर्ब कर लेता है|

 वैसे यह इंटरेस्टिंग बात जानने के बाद में अब यह बात करें कि |

Galaxy कितने टाइप की होती है |

तो Galaxy बहुत से शेप्स में पाई जाती है इसलिए एस्टॉनोमर्स इन्हें तीन बेसिक क्लासेस आधार पर 3 प्रकार के होते है |

1. स्पाइरल Galaxy स्पाइरल Galaxyमें 3 विजिबल पार्ट्स होते हैं डिस बल यानी कि उभार और हेलो दिस क्रिस्टल गैस और दस्त की बनी होती है| 

2. सेंट्रल में स्थित बल्ब में ओल्डर तारे होते हैं और स्फेरिकल हालों में ओल्डेस्ट तारा और मैसेज स्टार क्लस्टर पाए जाते हैं हमारीGalaxy यानी मिल्की वे स्पाइरल Galaxyही है इस तरह की Galaxy में कर्व्ड आर्म्स होती है जिनकी वजह से यह Galaxyएक पी बिल यानि चकरी की तरह दिखाई देती है 

 टाइप में है इलेक्ट्रिकल Galaxy यानी की दीर्घ वृताकार इलेक्ट्रिकल Galaxy इस स्मूथ और राउंड शेप Galaxy होती है क्योंकि इन Galaxy में मौजूद तारा के आर्बिट्स हर डायरेक्शन में ओरिएंटेड होते हैं इनमें थोड़ी गैस और डस्ट होती है और इनमें यंग स्टार्स मौजूद नहीं होते हैं इन Galaxy के चारों तरफ ग्लोबुलर स्टार क्लस्टर और डार्क मैटर पाया जाता है |

3. तीसरा है इरेगुलर गैलक्सी ऐसी बहुत सी गैलेक्सी होती है जो ना तो ओवल और ना ही स्पाइरल होती है तो ऐसी गैलक्सी को इरेगुलर Galaxy कहा जाता है |

 Galaxy क्याआपस में भी टकराती है ?

Galaxyक्या आपस में भी टकराती है क्योंकि इतनी सारी होती है तो हां कई बार ऐसा भी होता है कि गैलेक्सी एक दूसरे के बहुत क्लोज आ जाती है और इनमें टकराव भी हो जाता है हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के सबसे क्लोज Galaxy का नाम “एंड्रोमेडा” है और जब यह दोनों Galaxy एक दोस्त दूसरे से टकराएगी तो यह दोनों Galaxyडिस्ट्रॉय हो सकती है नष्ट हो सकती है लेकिन फिलहाल हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कम से कम 5 बिलियन इयर्स तक तो ऐसा कुछ नहीं होने वाला है| कि दुनिया खत्म हो जाएगी| ऐसा क्रिएट कर दे तो फिर भगवान भी नहीं बचा सकता है वर्तमान में  ऐसा कुछ नहीं है| भगवान करे की ऐसे कुछ न हो |

FAQ.

1.Galaxy को “मिल्की वे ”क्यों इसने कहा था ?

उत्तर:- गैलेक्सी को “मिल्की वे “नाम ग्रीक ने  दिया  हैं|

2. Galaxy का पता कब चला |

उत्तर:- 18th सेंचुरी में |

3.Galaxy कितने टाइप की होती है |

उत्तर:- 3 टाइप के |

4.Galaxy का पता किसने किया था |

उत्तर:- फिलॉस्फर एमिनल कैंट ने

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